एपिसोड की शुरुआत मनीष और सुवर्णा कायरव को सुनने के साथ होती है। अभिनव पूछता है कि क्या हुआ। उसे लगता है कि कायरव ने उसका दिल दुखाया है। मुस्कान कायरव को रोकती है। वह पूछती है कि क्या आप अपनी बहन से सॉरी बोल सकते हैं, आप उसे बिना किसी कारण के रोक रहे हैं। वह कहता है कि आप यहां अतिथि हैं, अतिथि बनें, आपको हमारे पारिवारिक मामलों में कहने का कोई अधिकार नहीं है। वह कहती है अक्षु मेरी भाभी है, मुझे कहने का अधिकार है, भैरव जी। वह कहता है कि मेरा नाम कायरव है। अभि और आरोही मेहमानों की सूची बनाते हैं। अभीर और अभिनव अपना बैग पैक करते हैं। अक्षु उदास है। अभिनव कहते हैं कि हम सभी के लिए उपहार लेंगे।

Watch Online Episode Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 17th February 2023
वह पूछता है कि क्या कुछ गंभीर है, क्या आप यात्रा रद्द करने जा रहे हैं, क्या हुआ, मुझे बताओ। मंजिरी का कहना है कि जन्मदिन की तैयारियां अच्छे से की जाएंगी। मंजिरी और शेफाली मुस्कान को गोयनका हाउस में देखती हैं। मुस्कान स्वागत करती है। मनीष कहता है कि वह मुस्कान है, वह अक्षु की ननंद है। मनीष और सुवर्णा मंजरी का स्वागत करते हैं। मंजिरी कहती है कि घर में सब ठीक है, अभि और आरोही दादी के जन्मदिन की योजना बनाना चाहते हैं। शेफाली कहती है कि आरोही आना चाहती थी, लेकिन वह व्यस्त है। मंजिरी मनीष का फोन पास करती है।
अक्षु का आवाज संदेश बजता है। कायरव सुनना बंद कर देता है। अक्षु कहती है कि मैं दादी के जन्मदिन पर घर लौट रही हूं, मुझे परवाह नहीं है कि किसे बुरा लगता है। मंजरी चौंक गई। शेफाली ने उसे पकड़ लिया। मनीष का कहना है कि अक्षु हमारे दामाद और पोते के साथ आ रही है, दादी ने उसे आने के लिए जोर दिया। रूही अभि और आरोही के पास आती है। अभि बच्चों और उनके माता-पिता को देखता है। रूही कहती है कि मैंने उन्हें छोटी सी बात कहने के लिए बुलाया था, अब पोपी मेरे पापा बन रहे हैं। वह निमंत्रण देती है और कहती है कि उनकी शादी में जरूर आना, अच्छे उपहार प्राप्त करना, मुझे धोखेबाज़ मत कहो।
कपल अभि और आरोही को बधाई देता है। रूही कहती है कि मैं पहले आई थी, मैं हमेशा पापा के विषय में देर से आती हूं, मेरे पास पापा नहीं थे, लेकिन मैं अपने मम्मी और पापा के साथ पीटीए में जाऊंगी, मैं उन्हें बताऊंगी कि मुझे भी यकीन है। आरोही रोती है। अभि उन्हें आने के लिए कहता है। अक्षु और अभिनव अभीर को उदयपुर की हाइलाइट्स के बारे में बताते हैं। अभीर कहता है मेरी बचत पेटी तोड़ दो, मुझे बहुत खर्च करना है। अक्षु का कहना है कि तुम्हारे माता-पिता इसे संभाल लेंगे।
अक्षु का कहना है कि वे आपको जमीसा और छोटे कुवारसा कहेंगे। अभिनव कहते हैं कि हम अब घोड़े पर जाएंगे। अभीर कहते हैं कि एक सीट मेरी भी है। अभिनव कहता है सोल्जर, तुम चलकर आओ। अक्षु अपने शहर के आकर्षण की तारीफ करती है। अभीर मजाक करता है। अक्षु का कहना है कि मैं दादी के लिए जाम रखूंगा। नीला आती है। अभिनव और अभीर उत्साहित हैं। नीला कहती है कि इसे अपने मायका परिवार को दे दो और मुस्कान को यह।
नीला उसे फ्रिज खाली करने के लिए कहती है। अक्षु का कहना है कि हम तीन दिनों के लिए जा रहे हैं। नीला कहती हैं कि आपका मायका आपको इतनी जल्दी वापस नहीं आने देगा। अक्षु का कहना है कि मुझे लौटने से कोई नहीं रोक सकता। नीला का कहना है कि उदयपुर आपको जल्द वापस नहीं आने देगा। अभिनव मजाक करता है। अभि रूही के साथ है। वह उदास हो जाता है।
नीला अभिनव को सलाह देती है। अभिनव कहते हैं कि मैं पहली बार ससुराल जा रहा हूं, मुझे डर लग रहा है। नीला कहती हैं कि वे अच्छे लोग होंगे। वह कहता है हां, यह स्थिति के बारे में है, वे बहुत अमीर हैं, मैं अब तक अपने माता-पिता से नहीं मिला, मैं अपने ससुराल से मिलूंगा, मैं परेशान हूं। नीला कहती है कि चिंता मत करो, अक्षु वहां होगी। अभिनव कहता है कि वह दामाद को अपने साथ ले जा रही है, क्या होगा। नीला कहती है कि यह ठीक रहेगा। अभिनव कहते हैं कि मैं अक्षु के लिए कुछ भी करूंगा।
अभीर और अभिनव अपनी हवाई यात्रा की योजना बनाते हैं। अभीर का कहना है कि हम वहां डॉक्टर से मिलेंगे। आरोही अभि के पास आती है। वह अपने आंसू पोंछता है। मंजिरी और शेफाली घर वापस आ जाती हैं। शेफाली कहती है कि चिंता मत करो, अक्षु अपने परिवार के साथ व्यस्त होगी। मंजिरी कहती हैं कि मुझे पता है कि उनकी दुनिया अलग है। वह रूही को देखती है।
रूही कहती है कि मैंने अपने दोस्तों से कहा कि मुझे पापा मिल रहे हैं। जाती है। आरोही कहती है कि तुम घर चले गए, क्या कैरव ने कुछ कहा। मंजिरी कहती है नहीं, मेरे सिर में दर्द था। अभि उससे पूछता है कि यह क्या है। वह कहता है कि मैं मनीष को फोन करके पूछूंगा। मंजिरी कहती है कि अक्षरा और उसका परिवार दादी के जन्मदिन पर आ रहे हैं। अभि हैरान है।
अक्षु प्रार्थना करती है और घर पर ताला लगा देती है। अभिनव कहते हैं कि हमारा घर नहीं चाहता कि हम जाएं, आपने कान्हा जी से कहा, ठीक है, चिंता मत करो, हम खुशी से जाएंगे और आएंगे। वह नीला से घर की देखभाल करने के लिए कहती है। नीला उनकी आरती करती है। अक्षु घर को देखती है। वह प्रार्थना करती है।